
Upma Singh
Upma Singh is a journalist with 17 years of experience in the field of entertainment and feature journalism. She has worked with Amar Ujala and Dainik Bhaskar , leading national hindi newspapers before joining Navbharat Times. She is an assistant editor at Navbharat Times, Mumbai.
All reviews by Upma Singh

Maalik
Action, Thriller, Crime, Drama (Hindi)
Fri, July 11 2025
‘दुनिया में दो तरह के लोग रहते हैं… एक जो पसीना बहाकर रोटी कमाते हैं, और दूसरे जो खून-पसीना बहाकर रोटी छीन लेते हैं।’ सिनेमाई पर्दे का ये ‘मालिक’ उस दूसरे तरह का बंदा है। कुछ वैसा ही, जैसा 80 के दशक के एंग्री यंग मैन हुआ करते थे। उसकी फिलॉसफी भी वही है कि मालिक पैदा नहीं हुआ तो क्या हुआ, बन तो सकते हैं। उसके लिए मार-काट, गोली-बंदूक, डर-हिंसा का रास्ता ही आसान है। आजकल पर्दे पर यह सब खूब चल भी रहा है, तो उसी विजय दीनानाथ चौहान और पुष्पाराज वाली कड़ी में एक गरीब परिवार के लड़के के बाहुबली बनने की कहानी है ‘मालिक’। कहानी 80 के दशक में इलाहाबाद में सेट है, जहां एक मजबूर किसान राजेंद्र गुप्ता का बेटा दीपक (राजकुमार राव) अपनी किस्मत के आगे झुकने को तैयार नहीं है, बल्कि वह अपने पिता की किस्मत बदलकर उसे एक मजबूत बेटे का बाप बनाने पर आमादा है। उसे यह मौका तब मिल भी जाता है, जब इलाके के बाहुबली नेता शंकर सिंह (सौरभ शुक्ला) का गुर्गा उसके पिता के ऊपर ट्रैक्टर चलवा देता है। दीपक इलाके के बाहुबली शंकर सिंह को आइडल मानता है। बस फिर क्या था, इसके बाद दीपक बीच चौराहे पर उस गुंडे को बेरहमी से खत्म कर अपनी दबंगई साबित कर देता है और बन जाता है- मालिक।

Aap Jaisa Koi
Romance, Comedy (Hindi)
बराबरी वाले प्यार से पैट्रियार्की पर चोट
Fri, July 11 2025
‘ओह, आप कितनी लकी हैं कि आपका पति आपको नौकरी करने देते हैं। शाम को देर से आती हैं, तब भी कुछ नहीं कहते।’ यह बात हर शादीशुदा कामकाजी औरत ने कभी ना कभी सुनी होगी। ऐसे पति भी खुद को मॉडर्न सोच का रोलमॉडल समझते हैं, क्योंकि वे अपनी पत्नी को जॉब करने देते हैं। वहीं, बीवियां भी खुशी से फूले नहीं समातीं कि वे कितनी भाग्यवान हैं। बस, हैपी एंडिंग। लेकिन कोई यह नहीं पूछता कि आप होते कौन हैं किसी को काम करने देने के लिए इजाजत देने वाले? पति-पत्नी तो शादी की गाड़ी में दो पहिए होते हैं ना, तो दोनों बराबर क्यों नहीं? और यही जरूरी सवाल करती है, करण जौहर के बैनर की ताजातरीन फिल्म ‘आप जैसा कोई’। बराबरी वाला प्यार, जिसमें ‘जितने तुम उतनी मैं’ की पैरवी करती यह प्रेम कहानी समाज में पसरी पितृसत्तात्मक सोच पर तगड़ा चोट करती है। कहानी जमशेदपुर के श्रीरेणु त्रिपाठी (आर माधवन) की है, जो 42 की उम्र में भी कुंवारे हैं। संस्कृत के अध्यापक श्रीरेणु के जीवन में कन्या का प्रवेश हो ही नहीं पा रहा। किसी लड़की को उनका नाम पसंद नहीं आता, तो किसी को उनका काम। ऐसे में, उनका बचपन का दोस्त दीपक (नमित दास) उनकी मुलाकात डेटिंग ऐप ‘आप जैसा कोई’ से करवा देता है। इस ऐप के जरिए श्रीरेणु एक कन्या से मीठी-मीठी बातें करते हैं, जिससे उनके उदासी भरे चेहरे पर मुस्कान तैरने लगती है। मगर चमत्कार तो तब होता है, जब कोलकाता की हसीन-जहीन मधु बोस (फातिमा सना शेख) उनकी जिंदगी में आती है।

Mistry
Comedy, Mystery (Hindi)
मनोरंजन के पैमाने पर काम चलाऊ निकला ये 'मिस्त्री'
Sun, June 29 2025
ओटीटी प्लैटफॉर्म्स को अपने दर्शकों को पकड़कर रखने के लिए लगातार नया कॉन्टेंट लाना पड़ता है, मगर इतनी कहानियां कहां से आए? इसके लिए अच्छा तोड़ है रीमेक। दुनिया का कोई भी हिट शो उठाओ, उसके राइट्स लो और हिंदी में अडॉप्ट कर डालो और इस कड़ी में नया नाम है ‘मिस्त्री’। राम कपूर की मुख्य भूमिका वाली यह वेब सीरीज मशहूर अमेरिकन शो ‘मॉन्क’ का देसीकरण है। कहानी क्राइम विभाग से सस्पेंडेड एक ऐसे कमाल के जासूस अरमान मिस्त्री (राम कपूर) की है, जो केसेज सुलझाने में उस्ताद है। वह उन सुरागों को झट से पकड़ लेता है, जो दूसरे देख भी नहीं पाते। लेकिन वह गंदगी जरा भी बर्दाश्त नहीं कर पाता, किसी भी चीज को बेतरतीब नहीं देख पाता, क्योंकि वह ओसीडी यानी ऑब्सेसिव कंप्लसिव डिसॉर्डर से जूझ रहा है। ऐसे में, उसकी असिस्टेंट शरण्या (शिखा तलसानिया) हर वक्त सैनेटाइजर और टिश्यू पेपर लिए उसकी मदद के लिए तैयार रहती है। दरअसल, अरमान अपनी आंखों के सामने पत्नी सुष्मिता को बम ब्लास्ट में खोने के बाद से ओसीडी का शिकार हो गया। इस वजह से लोगों के बीच उसका बर्ताव सामान्य नहीं रहता, लेकिन उनके तेज दिमाग के चलते क्राइम विभाग की इंचार्ज और अरमान की पुरानी कलीग एसीपी सहमत सिद्दीकी (मोना सिंह) केसेज सुलझाने के लिए उसकी सेवाएं लेती रहती है। 30-35 मिनट के हर एपिसोड के दौरान अरमान एक केस क्रैक करता है, इसमें एक नेता, एक ड्रग डीलर, एक गजल गायक, एक बिजनेसमैन आदि से जुड़े केस सामने आते हैं।

Maa
Horror (Hindi)
Sat, June 28 2025
जब बच्चे पर आंच आती है, तो एक मां चंडी बन जाती है, इस विषय पर श्रीदेवी की ‘मॉम’ से लेकर रवीना टंडन की ‘मातृ’ जैसी फिल्में आ चुकी हैं, वहीं अब काजोल अपनी नई फिल्म ‘मां’ में भी ममत्व के इसी रूप को पर्दे पर उतार रही हैं। अंतर यह है कि ‘मॉम’ और ‘मातृ’ जहां रिवेंज ड्रामा थीं, ‘मां’ हॉरर जॉनर की फिल्म है, जिसमें एक मां अपनी बच्ची को दोइत्तो यानी राक्षस के चंगुल से बचाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा देती है। कहानी कोलकाता के चंदरपुर से शुरू होती है, जहां मां काली की पूजा के बीच एक मां प्रसव पीड़ा से गुजर रही होती है। माहौल में टेंशन है, क्योंकि इस परिवार में जन्मी बेटियों को जंगल ले जाकर दोइत्तो (राक्षस) के सामने कुर्बानी देने की प्रथा है। इसलिए, उस दिन जन्मी बच्ची भी कुर्बान हो जाती है, जबकि उसका जुड़वा भाई शुभांकर (इंद्रनील सेनगुप्ता) इस खूनी रिवाज मानने वाले अपने पुरखों और गांव से दूर शहर जाकर पत्नी अंबिका (काजोल) और बेटी श्वेता (केरिन शर्मा) के साथ खुशहाल जिंदगी बिता रहा होता है। 12 वर्षीय श्वेता का गांव जाने का बहुत मन होता है, पर शुभांकर उसे उस जगह की परछाई से भी दूर रखता है। यहां तक कि पिता के गुजरने पर भी वह अकेला गांव जाता है।

Materialists
Romance, Drama, Comedy (English)
प्रेम त्रिकोण के बहाने भौतिकवाद पर कटाक्ष
Sat, June 14 2025
कहते हैं कि जोड़ियां आसमान में बनती हैं, मगर जब जमीं पर जीवनभर का रिश्ता जोड़ने यानी शादी की बात आती है, तो ज्यादा अहम क्या होना चाहिए? दिलों का तार जुड़ना या रूप-रंग, पढ़ाई-कमाई, उम्र-कद जैसी कैलकुलेशन? इस जटिल सवाल का बड़े ही सरल तरीके से पड़ताल करती है, डकोटा जॉनसन, क्रिस इवांस, पेड्रो पास्कल की बेहतरीन अदाकारी से सजी फिल्म ‘मटीरियलिस्ट्स’। कहानी एक स्मार्ट और महत्वाकांक्षी मैच मेकर लूसी (डकोटा जॉनसन) की है। अपने काम में बेहद माहिर लूसी का मानना है कि शादी एक डील है, जहां लड़के-लड़की की चेकलिस्ट का मैच होना ज्यादा मायने रखता है। इस चेकलिस्ट मिलान में अपनी काबिलियत की बदौलत वह 9 जोड़ों की शादी करवा चुकी है। लूसी का अपने लाइफ पार्टनर के लिए एक ही मापदंड है कि वह बेहिसाब पैसे वाला हो। उसे हैरी (पेड्रो पास्कल) के रूप में 12 मिलियन डॉलर के अपार्टमेंट में रहने वाला पैदाइशी रईस, साथ में सज्जन, स्मार्ट और छह फिट से भी लंबा, यानी मैचमेकिंग की दुनिया में यूनिकॉर्न बंदा मिल जाता है। पर एक झोल है।

Rana Naidu S02
Crime, Drama, Mystery (Hindi)
कहानी के झोल नहीं फिक्स कर पाया राणा नायडू
Sat, June 14 2025
बाहरवालों के लिए अमीरों के लफड़े फिक्स करने वाला नंबर वन फिक्सर, मगर परिवार के लिए जान छिड़कने वाला फैमिली मैन राणा नायडू एक बार फिर दर्शकों के बीच आ चुका है। ‘बाहुबली’ के भल्लालदेव यानी साउथ स्टार राणा दग्गुबाती की मुख्य भूमिका वाली सीरीज का पहला सीजन सेक्स सीन, गालियों और हिंसा की भरमार के लिए आलोचना झेलने के बावजूद स्टाइलिश एक्शन, थ्रिलर और फैमिली ड्रामा की वजह से पसंद किया गया था। लिहाजा मेकर्स अब उन्हीं मसालों के साथ ‘राणा नायडू’ का दूसरा सीजन लेकर आए हैं। सीरीज में इस बार भी जोरदार एक्शन, मारधाड़, हिंसा, बोल्ड सीन जैसे पुराने तड़कों के साथ सियासत, सिनेमा, क्रिकेट का कॉकटेल परोसा गया है। हालांकि, इन सारे मसालों के बावजूद मूल सामग्री यानी कहानी की मात्रा गड़बड़ाने के कारण सीरीज का स्वाद फीका रह गया है। अमेरिकी क्राइम थ्रिलर सीरीज ‘रे डोनोवन’ का देसी अवतार यानी अपना राणा नायडू (राणा दग्गुबाती), अब वह दूसरों की गंदगी साफ करने वाले फिक्सर के अपने पुराने धंधे को छोड़कर पूरी तरह फैमिली मैन बनने का फैसला करता है। हालांकि, वह ऐसा करने की सोच ही रहा होता है कि उसका अतीत रऊफ मिर्जा (अर्जुन रामपाल) का रूप धारण करके उसके सामने आ जाता है और उसके बेटे का किडनैप हो जाता है। जाहिर है राणा को वापस अपराध में उस दलदल में उतरना पड़ता है। इस चक्कर में उसकी मुठभेड़ होती है, काले धंधे करने वाले सफेदपोश रईस विराज ओबरॉय (रजत कपूर) से।

Housefull 5
Comedy, Crime, Mystery (Hindi)
सितारों की भरमार के बाद भी नहीं चमकी ये कमजोर कॉमिडी
Fri, June 6 2025
अक्षय कुमार, अभिषेक बच्चन, जैकी श्रॉफ, संजय दत्त, नाना पाटेकर, रितेश देशमुख और ऐसे करीब एक दर्जन और सितारे, अक्सर अपनी फिल्मों में स्टार पावर पर भरोसा करने वाले निर्माता साजिद नाडियाडवाला ने अपनी चर्चित कॉमिडी फ्रैंचाइजी ‘हाउसफुल’ के 5वें संस्करण में स्टार्स की कतार लगा दी है। कॉमेडी के साथ-साथ इस बार मर्डर मिस्ट्री का छौंका भी लगाया है। उस पर रोमांच को दोगुना करने के लिए दो-दो क्लाइमैक्स (हाउसफुल 5A और हाउसफुल 5B) भी ले आए हैं। लेकिन इन सबके बावजूद वह यह भूल गए हैं कि आज के दौर में असल स्टार कहानी होती है। लिहाजा करीब डेढ़ दर्जन सितारों की मौजूदगी भी उनकी इस पुराने स्टाइल की कमजोर कहानी को चमकदार नहीं बना पाती। शायद, यही वजह है कि सुबह साढ़े 8 बजे के शो में जब मैं पहुंची तो वहां मेरे अलावा कोई और नहीं था और शो कैंसल करना पड़ा। किसी तरह, अगले शो में 7-8 लोग जुट गए तो फिल्म देखने का अवसर मिल पाया।

Karate Kid: Legends
Action, Adventure, Drama (English)
Sat, May 31 2025
बात करीब 40 साल पहले 1984 की है, जब कुंग फू-कराटे पर आधारित मार्शल आर्ट ड्रामा ‘द कराटे किड’ आई थी। देखते ही देखते यह दुनिया की ऐसी चहेती फ्रेंचाइज बन गई कि 1986, 1989 और 1994 में इसके तीन सीक्वल आए। फिर 2010 में जैकी चैन को मुख्य भूमिका में लेकर इसे रीबूट किया गया, तो टीवी सीरीज ‘कोबरा काई’ भी बनी। वहीं, अब इसकी छठी पेशकश ‘कराटे किड: लेजेंड्स’ सिनेमाघरों में पहुंची है। जाहिर है, ऐसी कामयाब फ्रेंचाइजी से ऊंची उम्मीदें होना स्वाभाविक है, मगर अफसोस कि देखे-दिखाए फॉर्मूले के चलते यह फिल्म अपने टाइटल की तरह ‘लेजेंड’ बनने से काफी दूर रह गई है। जोनाथन एंथविसल के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म की कहानी है, बीजिंग के एक युवा ली फोंग (बेन वांग) की। ली, मिस्टर हान (जैकी चैन) के कुंग-फू स्कूल का स्टार स्टूडेंट है, लेकिन उसकी डॉक्टर मां नहीं चाहती कि ली मार्शल आर्ट से कोई रिश्ता रखे। असल में, एक फाइट में वह अपने कुंग-फू चैंपियन बड़े बेटे को खो चुकी है, इसलिए ली को इससे दूर रखने के लिए न्यूयॉर्क में नई जिंदगी शुरू करती है।
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