
Deepak Dua
Independent Film Journalist & Critic
Deepak Dua is a Hindi Film Critic honored with the National Award for Best Film Critic. An independent Film Journalist since 1993, who was associated with Hindi Film Monthly Chitralekha and Filmi Kaliyan for a long time. The review of the film Dangal written by him is being taught in the Hindi textbooks of class 8 and review of the film Poorna in class 7 as a chapter in many schools of the country.
All reviews by Deepak Dua

Despatch
Drama, Thriller (Hindi)
कुछ ढंग का ‘डिस्पैच’ करो भई
Tue, December 17 2024
इस फिल्म का बेहद कसा हुआ, तेज़ रफ्तार ट्रेलर दिखाता है कि मुंबई के एक अखबार ‘डिस्पैच’ का क्राइम रिर्पोटर जॉय बाग एक ऐसे मामले की तह तक जाने की कोशिशों में लगा है जिसमें हजारों करोड़ का घपला है और बड़े-बड़े लोग शामिल हैं। ज़ाहिर है कि इतना सब है तो खतरे भी बड़े हैं। जॉय बाग कर पाएगा इस काम को? कैसे करेगा वह इसे?

Zero Se Restart
Documentary (Hindi)
‘ज़ीरो से रीस्टार्ट’ करने की प्रेरक कहानी
Fri, December 13 2024
अक्टूबर, 2023 में आई और बेहद सराही गई विधु विनोद चोपड़ा की विक्रांत मैस्सी वाली फिल्म ‘12वीं फेल’ को देख चुके दर्शकों को अगर यह बताया जाए कि यह फिल्म तो कभी बननी ही नहीं थी तो उन्हें कैसा लगेगा? आप को यह जान कर भी हैरानी हो सकती है कि इस फिल्म को इंडस्ट्री के पांच बड़े निर्देशकों ने यह कह कर ठुकरा दिया था कि भला यह भी कोई कहानी है, इसे कौन देखने आएगा? लेकिन यह फिल्म बनी और ऐसी बनी कि जिसने भी इसे देखा, इसकी तारीफ किए बिना न रह सका। इसी ‘12वीं फेल’ के न बन पाने और आखिर बन जाने के संघर्ष की कहानी दिखाती है ‘ज़ीरो से रीस्टार्ट’-कुछ इस अंदाज़ में कि आप फिर से प्रेरित होते हैं और आपका मन इसकी और विधु विनोद चोपड़ा की पूरी टीम की तारीफ किए बिना नहीं रह पाता।

Agni
Action, Adventure (Hindi)
‘अग्नि’-वीरों को हल्का-सा सलाम
Fri, December 6 2024
इस फिल्म में एक फायरमैन जब यह कहता है तो उसकी यह बात कानों को चीरती हुई निकल जाती है। सच ही तो है। हम में से कितने होंगे जो किसी फायरमैन को पर्सनली जानते हैं? कितने होंगे जिन्हें उनकी निजी और वर्किंग ज़िंदगी के बारे में करीब से पता है? सच यही है कि ज्वाला से खेलने वाले जांबाज़ों के बारे में हम में से ज़्यादातर लोग नहीं जानते और इस सच का एक स्याह पहलू यह भी है कि हिन्दी सिनेमा में आज तक इन लोगों को केंद्र में रख कर एक भी फिल्म नहीं बनी। अमेज़न प्राइम पर आई राहुल ढोलकिया की यह फिल्म ‘अग्नि’ उसी कमी को दूर करती है और हमें दिखाती है कि ये ‘अग्नि-वीर’ भी हमारी-आपकी तरह इंसान हैं, लेकिन कुछ अलग जीवट वाले।

Sikandar Ka Muqaddar
Thriller, Crime, Mystery, Action (Hindi)
बर्बाद है
Mon, December 2 2024
चलो-चलो इक फिल्म बनाएं, नाम कैची-सा ढूंढ के लाएं, हीरों की चोरी करवाएं, चोर के पीछे पुलिस दौड़ाएं, चूहे-बिल्ली का खेल दिखाएं, अंत में एक ट्विस्ट ले आएं, पब्लिक को मूरख मान जबरन अपनी थ्योरी पकड़ाएं, चलो-चलो इक फिल्म बनाएं। सोच कर ही रोंगटे हरकत में आने लगते हैं कि नीरज पांडेय जैसे थ्रिलर बनाने में उस्ताद समझे जाने वाले निर्देशक की फिल्म में 50-60 करोड़ के हीरे चोरी होंगे, शक तीन लोगों पर जाएगा, अपनी मूल वृत्ति यानी इंस्टिंक्ट पर हद से ज़्यादा गुमान करने वाला एक पुलिस अफसर आकर केस सुलझाएगा लेकिन इस काम में 15 साल बीत जाएंगे और फिर एक ऐसा ट्विस्ट आएगा कि बस…!

Vijay 69
Drama, Comedy (Hindi)
बचकाना, मनमाना ‘विजय 69’
Sun, November 10 2024
69 की उम्र में विजय मैथ्यू को अहसास होता है कि उसने पूरे जीवन में आखिर किया क्या? कल को वह मर गया तो लोग उसकी तारीफ में क्या बोलेंगे? वह तय करता है कि वह ट्रायथलन में हिस्सा लेगा और 67 की उम्र में ट्रायथलन पूरी कर चुके किसी शख्स का रिकॉर्ड तोड़ेगा। ट्रायथलन यानी एक साथ डेढ़ किलोमीटर स्विमिंग, 40 किलोमीटर साइक्लिंग और दस किलोमीटर की दौड़। क्या विजय यह सब कर पाएगा? कर ही लेगा क्योंकि सपनों की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती। चलिए जी, यह तो हुई कहानी की बात। इस किस्म की फिल्मों की कहानियां तो प्रेरक होती ही हैं। इसकी भी है। लेकिन ऐसी फिल्मों में कहानी से बढ़ कर होता है उसका ऐसा वाला प्रेज़ेंटेशन जो दर्शकों के रोंगटे खड़े कर दे, उनके दिलों में भावनाओं का ज्वार पैदा कर दे, उनका दिमाग झंझोड़ दे और जिसे देख कर लगे कि अगर इस फिल्म के हीरो की तरह हमने यह नहीं किया तो फिर क्या किया। लेकिन अफसोस यह फिल्म इस मोर्चे पर नाकाम रही है, बुरी तरह से। दिक्कत असल में इस फिल्म की लिखाई के साथ है। अक्षय रॉय ने कहानी का आइडिया तो अच्छा सोच लिया और उसे ट्रायथलन के साथ जोड़ कर अच्छा विस्तार भी दे दिया लेकिन उसी कहानी को एक स्क्रिप्ट के तौर पर बुनते और उसमें किस्म-किस्म की घटनाओं व किरदारों को चुनते समय वह फैल गए और नतीजे के तौर पर जो बन कर आया वह न सिर्फ रूखा है बल्कि सूखा भी है और पिलपिला भी।

The Midwife's Confession
Documentary (English)
चौंकाती, दहलाती ‘द मिडवाइफ्स कन्फैशन’
Mon, November 4 2024
‘लड़की के मुंह में नमक डाल कर मुंह दबा देते थे, या फिर यूरिया खाद डाल देते थे, कई बार गर्दन पकड़ कर भी मरोड़ देते थे तो बच्ची मर जाती थी।’ बिहार के गांवों में दाई का काम करने वाली महिलाएं जब यह कहती हैं तो सुन कर दिल दहल जाता है। सच तो यह है कि बी.बी.सी. के यू-ट्यूब चैनल पर आई एक घंटे की डॉक्यूमैंट्री ‘द मिडवाइफ्स कन्फैशन’ (The Midwife’s Confession) देखते हुए दिल एक बार नहीं, कई बार दहलता है, बेचैन होता है, चौंकता है, उछलता है और डूबने भी लगता है।

Bandaa Singh Chaudhary
Action, Thriller (Hindi)
हर ’बंदा’ सिनेमा का ‘चौधरी’ नहीं होता
Mon, November 4 2024
अस्सी के दशक के पंजाब के बारे में मुमकिन है नई पीढ़ी के लोग खुल कर न जानते हों। उन्हें यह न पता हो कि सांझे चूल्हों और साझी विरासत वाली पंजाब की धरती पर उन दिनों फसलों की हरियाली से ज़्यादा बेकसूरों के खून की लाली दिखती थी। कुछ लोग थे जो परायों के बहकावे में आकर अपनों को ही मार रहे थे। जहां एक तरफ हिन्दुओं को चुन-चुन कर मारा जा रहा था और उन्हें पंजाब छोड़ने पर मजबूर किया जा रहता वहीं दूसरी तरफ सिक्ख भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं थे। लेकिन उस माहौल में बंदा सिंह चौधरी जैसे कुछ लोग थे जिन्होंने पलायन करने, डरने या मरने की बजाय मुकाबला करने का रास्ता चुना था। यह फिल्म ’बंदा सिंह चौधरी’ उस एक बंदे के बहाने से ऐसे लोगों के जुझारूपन की कहानी दिखाती है।

Singham Again
Action, Drama, Thriller, Crime (Hindi)
होता दम तो अकेले आता ‘सिंहम’
Mon, November 4 2024
2011 की ‘सिंहम’ तो ज़रूर याद होगी आपको। 2010 में आई इसी नाम की एक कामयाब तमिल फिल्म के इस रीमेक में स्टार के नाम पर कोई था तो सिर्फ अजय देवगन। लेकिन इसके साथ थी एक शानदार ढंग से कही गई कहानी जिसे निर्देशक रोहित शैट्टी ने अपने कसे हुए निर्देशन और ज़बर्दस्त एक्शन दृश्यों से ऐसा बना दिया था कि अब उस फिल्म की गिनती हिन्दी सिनेमा की कल्ट फिल्मों में होती है। लेकिन जैसा कि अपने यहां भेड़चाल है कि एक फिल्म हिट हो जाए तो उसका सीक्वेल ले आओ, सीक्वेल न बनता हो तो फ्रेंचाइज़ी ले आओ, ज़रूरत हो या न हो, उसमें ठूंस-ठूंस कर मसाले डाल दो, फिर अगल-बगल की फिल्मों के किरदार पकड़ लाओ और अपना खुद का एक ‘मसाला यूनिवर्स’ बना दो। रोहित शैट्टी तो वैसे भी इस काम में माहिर रहे हैं। एक तरफ ‘गोलमाल’ की कॉमेडी और दूसरी तरफ ‘सिंहम’, ‘सिंबा’, ‘सूर्यवंशी’ की मारधाड़ वाले दो यूनिवर्स खड़े कर चुके रोहित इस जन्म में कुछ नया न भी करें तो ये दोनों यूनिवर्स ही उन्हें और उनके कलाकारों को ब्रेड-बटर खिलाने के लिए काफी रहेंगे।
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